यह एक रेस्पिरेट्री वायरस है जो सर्दियों में अधिक सक्रिय होता है,यह वायरस स्वसन तंत्र, नाक, गला,फेफड़ों में संक्रमण फैलाता है |यह एक सामान्य फ्लू ही है
सर्दी में बचें इनफ्लुएंजा वायरस से Avoid influenza virus in winter
अक्सर हम सर्दी खासी जैसे लक्षणों को सामान्य समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन सर्दियों के मौसम में अन्य संक्रमण की अपेक्षा इन्फ्लूएंजा का खतरा कई गुना बढ़ जाता है | यह बीमारी इनफ्लुएंजा वायरस से होती है और यह एक रेस्पिरेट्री वायरस है जो सर्दियों में अधिक सक्रिय होता है | इस साल तो कोविड-19 महामारी का प्रकोप भी है ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही नुकसानदे साबित हो सकती है | यह वायरस स्वसन तंत्र, नाक, गला और फेफड़ों में संक्रमण फैलाता है | हालांकि यह भी एक सामान्य फ्लू ही है इसके अधिकतर मामले एक से डेढ़ सप्ताह में अपने आप ही ठीक हो जाते हैं लेकिन कभी-कभी इसके कारण होने वाली जटिलताएं परेशानी का सबब बनती हैं |
आमतौर से संक्रमित व्यक्ति को आराम और संतुलित आहार ही लेना चाहिए तरल पदार्थों का सेवन इसके संक्रमण को ठीक करने में बहुत मददगार होता है | अगर आपको पहले से ही फेफड़े का संक्रमण या डायबिटीज या अन्य किसी बीमारी की समस्या है तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है इसके उपचार में चिकित्सक एंटीवायरल ड्रग्स देते हैं | इनफ्लुएंजा वैक्सीन इस रोग के विरुद्ध सबसे बेहतरीन सुरक्षा कवच प्रदान करती है |
इनफ्लुएंजा वायरस फैलने के कारण
इनफ्लुएंजा वायरस ड्रॉपलेट्स के रूप में हवा के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचते हैं | यह ड्रॉपलेट्स संक्रमित व्यक्ति के खासने छींकने और बात करने पर निकलते हैं | यह ड्रॉपलेट्स ड्रॉपलेट्स सांस के साथ शरीर में पहुंचकर संक्रमण पैदा करते हैं | किसी सामान को यदि आप छूते हैं और उसे किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा कुछ समय पूर्व अगर छुआ गया है तो इससे आपको भी संक्रमित होने की संभावना अधिक बढ़ जाती है और आप संक्रमण के शिकार हो जाते हैं |
इनफ्लुएंजा वायरस के लक्षण
- नाक बंद होना व गले में खराश होना |
- मांसपेशियों और जोड़ों में तेज दर्द |
- ठंड लगना व पसीना आना |
- कमजोरी और थकान |
- बुखार व उल्टी आना |
- सूखी खांसी आना |
- सिर मेें दर्द होना |
- आंखों में दर्द |
इंफ्लूएंजा वायरस का इन्हें अधिक खतरा
- स्वास्थ्य कर्मी जो संक्रमितों का इलाज करते हैं |
- बुजुर्ग जिनकी उम्र 65 वर्ष से अधिक है |
- क्रॉनिक डिजीज़ से ग्रसित व्यक्ति |
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग |
इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से बचाव
- जब भी जरूरी हो हाथ को धोते रहे |
- आंख नाक और मुंह को बार-बार छूने से बचें |
- खांसते या छींकते समय रुमाल का इस्तेमाल करें |
- फ्लू सीजन में भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें |
हम ऊपर बताए गए बातों को अपनाते हैं तो हम इन्फ्लूएंजा के प्रभाव को कम कर सकते हैं और अपने आप को तथा परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं | आइए हम सब मिलकर इन्फ्लूएंजा से बचें | इनफ्लुएंजा वैक्सीन वीक 2 से 12 दिसंबर के मध्य मनाया जाता है |
Nice info
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