प्रदूषित हवा हमारे फेफड़ों में पहुंचकर विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा करती हैं ऐसे में हमें खांसी की समस्या होती है और यही फेफड़ों से संबंधित बीमारी
सर्दी में खांसी से रहे सावधान Beware of cough in winter
कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है और इस महामारी का कोई ठोस चिकित्सीय समाधान भी नहीं ढूंढा जा सका है | कोरोनावायरस सबसे अधिक स्वसनतंत्र को प्रभावित करता है | प्रदूषित हवा हमारे फेफड़ों में पहुंचकर विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा करती हैं ऐसे में हमें खांसी की समस्या होती है और यही फेफड़ों से संबंधित बीमारियों का कारण है | कोविड-19 महामारी के आने से यह समस्या और जटिल हो गई है |क्योंकि कोविड-19 का मुख्य लक्षण भी गला खराब होना तथा खांसी आना है |
चिकित्सक तथा मरीज दोनों के लिए यह एक चुनौती है कि अगर किसी को लगातार खांसी आती है तो कैसे पहचाने की किस बीमारी का संक्रमण है | अगर किसी व्यक्ति को 1 सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए | क्योंकि खांसी आने का मतलब फेफड़ों का संक्रमण है | बदलते मौसम में खासी आने के प्रमुख कारण है दमा, क्रोनिक ब्रोकाइटिस, कोविड-19, निमोनिया और वायरल निमोनिया |
कही ये दमा तो नहीं
दमा एक एलर्जी जनित बीमारी है लेकिन मौसम में परिवर्तन एवं परागकण इसका मुख्य कारण है | इस बीमारी में मरीज को पहले खांसी आती है फिर सांस फूलना शुरू होता है | यह सारे लक्षण मुख्य तौर पर रात्रि के समय अधिक होते हैं | अधिकतर लोगों में यह बीमारी हर वर्ष बदलते मौसम में होती है तथा बाकी समय में मरीज बिल्कुल ठीक रहता है | इसका उपचार इन्हेंलर से किया जाता है |चिकित्सक मरीज से लक्षण पूछ कर तथा स्वसनतंत्र का परीक्षण करके इस बीमारी का पता लगाते हैं |
खासी के बार-बार आने से हो जायें सतर्क
कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है और इस महामारी का कोई ठोस चिकित्सीय समाधान भी नहीं ढूंढा जा सका है | कोरोनावायरस सबसे अधिक स्वसनतंत्र को प्रभावित करता है | पहले यह गले में सूजन पैदा करता है और संक्रमित व्यक्ति को लगातार खांसी के साथ बुखार आता है | समय पर उपचार नहीं मिलने पर मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है और बीमारी फेफड़ों में पहुंच जाती है | मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90% से नीचे हो जाता है जिससे स्वसनतंत्र फेल होने लगता है | इस बीमारी का पता आर टी पी सी आर एवं एंटीजेन टेस्ट से लगाया जाता है | किसी को बुखार के साथ खांसी आती है तो यह ठीक नहीं है क्योंकि यह कोरोना संक्रमण के लक्षण भी हो सकते हैं |
टेस्ट के महत्व खासी के सम्बन्ध में
सी ओ पी डी की बीमारी प्रायः व्यस्क व्यक्तियों में पाई जाती है | इसका प्रमुख कारण धूम्रपान तथा प्रदूषण है | शुरुआत में इसके मरीज को खांसी और सांस फूलने की समस्या होती है और आगे चलकर खांसी के साथ बलगम भी आने लगता है | चिकित्सक लक्षण व कुछ जांचों से इस बीमारी की पहचान करते हैं |बदलते मौसम में इस बीमारी के अधिकतर मरीजों में लक्षणों की तीव्रता बढ़ जाती है क्योंकि इसका मुख्य कारण वातावरण का प्रदूषण एवं संक्रमण है | कई बार इस बीमारी से मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है | इसके इलाज में चिकित्सक इनहेलर ब्रोंकोडायलेटर्स एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करते हैं |
मौसम में बदलाव और खांसी की समस्या
मौसम बदलने पर खांसी कई कारणों से होती है जैसे एलर्जी, क्राइनाइटिस, वायरल निमोनिया तथा कोविड से होने वाली फेफड़ों की फाइब्रोसिस | अगर किसी व्यक्ति को कोविड संक्रमण से मुक्ति के बाद भी लगातार खांसी बनी हुई है तो काफी संभावना है कि उसके फेफड़ों में लंग फाइब्रोसिस का संक्रमण हुआ हो |
खांसी से बचने के उपाय
बढ़ती हुई ढंड में कुछ आसान उपाय अपना कर इसकी समस्या को कम कर सकते हैं तो आइये जानते हैं-
- धूल एव गंदी जगहों पर जाने से बचें और फेसमास्क का प्रयोग नियमित करें |
- ढंडे पानी या ढंडे पेय पदार्थ का सेवन बिल्कुल भी ना करें |
- बार-बार नाक मुंह या चेहरे को न छुए |
- खासने एवं छिकने पर रूमाल का प्रयोग करें |
- ज्यादा चिकनाई युक्त चीजें न खायें |
- खाना गर्म ही खायें ढंडे खाने से परहेज करें |
- ध्रुमपान न करें हो सके तो इसे छोड़ने का प्रयास करें |
- सूखी खासी मेें नमक पानी का गरारा करें |
- काली मिर्च पावडर को शहद में मिलाकर लेने से आराम होगा |
- समय समय पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेते रहें |
COMMENTS