मोटापे का चिकित्सकीय प्रभाव और मोटाबालिक सिंडोम, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपेडेमिया, डायबिटीज, मेलिटस और अनिद्रा जैसी समस्याओं के साथ जुड़ा हुआ होता है।
मोटापा आज पूरी दुनिया कि एक समस्या बन गया है | वर्क फ्रॉम होम के लिए हमने खुद को घरो में मोबाईल और लैपटॉप तक सीमित कर लिया है । निष्क्रिय जीवनशैली ने हमारे सोने की दिनचर्या को अनियमित कर दिया है । इंटरनेट मीडिया ने कंफर्ट फूड की चाह को और बढ़ा दिया है । कंफर्ट फूड में प्रमुख तौर पर बहुत अधिक रिफाइंड, शुगर, चॉकलेट, कुकीज, चीज, चिप्स आदि शामिल है और ढेरों डिशेज हमारी आसान पहुंच में होती हैं। इस दौर ने पूरे समाज को वजन बढ़ने तथा भावी मोटापे के खतरे में डाल दिया है कोरोना संक्रमण में लोग अधिक मोटापे के शिकार हो रहे हैं l आइए आज हम उन्हीं विषयों पर चर्चा करते हैं ।
मोटापा है विभिन्न रोगों का कारण
मोटापे का शिकार हो रहे हर व्यक्ति को यह तथ्य जानना चाहिए कि आगे और पीछे बढ़ता वजन कहीं आपके दिल में गड़बड़ी तो पैदा नहीं कर रहा है l हालांकि आपके कपड़े, बढ़े हुए वजन को मापने का सबसे बेहतर तरीका है | अधिक वजन आपकी सेहत को हर तरह से प्रभावित करता है | मोटापा कोरोनरी आर्टरी रोगों सीएडी के लिए एक जोखिम कारक है | जिसके परिणाम स्वरूप धमनियों में कोलेस्ट्रोल का निर्माण होता है |अतिरिक्त वजन सेहत के लिए कई तरह के जोखिम पैदा करता है, जिसमें हार्टअटैक का सबसे अधिक खतरा रहता है l मोटापे को पारंपरिक तौर पर 30 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर से अधिक बॉडी मास इंडेक्स बीएमआई से परिभाषित किया जाता है। मोटापे का चिकित्सकीय प्रभाव और मोटाबालिक सिंडोम, उच्च रक्तचाप, डिस्लिपेडेमिया, डायबिटीज, मेलिटस और अनिद्रा जैसी समस्याओं के साथ जुड़ा हुआ होता है।
मोटापे पर कोरोना का असर
न्यूयॉर्क के ग्रासमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोध में खुलासा हुआ है कि, फेफड़े व कैंसर के रोगियों की अपेक्षा मोटे लोगों को कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने की अधिक आशंका होती है| अमेरिकी रोग नियंत्रण और बचाओ विभाग ने 40 से अधिक बीएमआई वाले लोगों को चेतावनी दी है । कोविड-19 में मोटापे से ग्रस्त लोगों में सशक्त जोखिम कारक के रूप में परिणाम दिखाई पड़ रहे हैं l चौथे राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण "एनएफएचएस" के अनुसार लगभग 40 फीसद भारतीय मोटापे के शिकार हैं । ऐसे में भारतीयों के लिए कोविड-19 का खतरा और बढ़ रहा है ।
जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित एक हालिया रिसर्च के अनुसार, मोटापे से ग्रस्त होना मधुमेह, उच्च रक्तचाप आदि रोगों के ग्रसितों के संक्रमित होने का खतरा अधिक होता है | भारतीय चिकित्सकों द्वारा जांचे गए प्रत्येक 10 कोविड-19 में से 5 से 6 रोगी मोटापे से ग्रस्त थे | यह मध्य आयु के व्यस्क हैं जो कमर के आसपास के मोटापे से ग्रस्त होते हैं। हमें कोविड-19 और मोटापे के इस संबंध को गंभीरता से लेना चाहिए |
मोटापे से ग्रस्त लोग भोजन में संतुलन का रखें ख्याल
कोरोना संक्रमण काल में संक्रमण से बचने के लिए शारीरिक दूरी, मास्क और हाथों की स्वच्छता बनाए रखने की सलाह विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 से बचाव करने के बीच हम वजन पर नियंत्रण रखना छोड़ दें, और निष्क्रिय होकर बैठ जाएं | हालांकि यह जीवन शैली में अनुशासन अपनाने का वक्त है | संतुलन बनाए रखने की दृढ़ता हमें भविष्य का योद्धा बनाएगी, जो कि सिर्फ कोरोनावायरस नहीं बल्कि सही जीवन शैली या अन्य जानलेवा बीमारियों पर भी जीत दिलाएगी |मोटापे से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनानी होगी | संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा नियमों को अपनाएं | हमें घर पर ही व्यायाम की उचित व्यवस्था करनी होगी | भोजन के सही चुनाव का सिद्धांत भी हमें निरोगी बनाएगा | संतुलित भोजन में फाइबर, प्रोटीन और कम कार्बोहाइड्रेट होता है | यदि इसके सही सिद्धांत को हम अपनाएंगे तो संतुष्टि के साथ शरीर भी पुष्ट होगा और हमारी आंतरिक प्रतिरक्षा तन्त्र भी सही तरीके से काम करेगा |
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