लार ग्रंथि से निकलने वाले महत्वपूर्ण पदार्थ हमारी पाचन क्रिया को सक्रिय रखने के साथ ही मुंह व दातों में होने वाले विकारों से भी रक्षा करते हैं | इसलिए
एक तरफ कोरोना काल में व्यक्ति अपनी समस्याओं को लेकर परेशान है | दूसरी तरफ अनेक प्रकार के औषधिय पदार्थों का सेवन | मुंह में लार बनना हमारे सेहत के लिए बहुत जरूरी है | लार ग्रंथि से निकलने वाले महत्वपूर्ण पदार्थ हमारी पाचन क्रिया को सक्रिय रखने के साथ ही मुंह व दातों में होने वाले विकारों से भी रक्षा करते हैं | इसलिए यदि लार ग्रंथि में किसी तरह की समस्या पैदा होती है तो इसका सीधा असर हमारी सेहत पर पड़ता है | जैसे-
- खाना खाते वक्त दर्द की शिकायत होना |
- गले में सूजन एवं दर्द महसूस होना |
- मुंह खोलने में परेशानी होना |
- ये लार ग्रंथि के संक्रमित होने के संकेत हैं |
अक्सर रोगी को इन समस्याओं के साथ ही बुखार भी आता है | यदि यह समस्या बार-बार हो रही है तो इसे अनदेखा ना करें | इसका कारण लार ग्रंथि के संक्रमित होने से लार नली में आया अवरोध है। यदि समय पर लार ग्रंथि का उपचार ना हुआ तो यह कैंसर जैसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है | ऐसा अक्सर देखा जाता है | इसलिए इस समस्या को हल्के में न लें और किसी विशेषज्ञ से उपचार हेतु परामर्श अवश्यकरें।
लार ग्रंथि में संक्रमण के लक्षण
- लार ग्रंथि के संक्रमित होने पर मुंह से दुर्गंध आना |
- मुंह का सूखना और मुंह के किसी हिस्से में गांठ पड़ना |
- मुंह में थोड़ी थोड़ी देर में खट्टा पानी आने की समस्या होना |
अगर शुरुआत में ही इसका उपचार कर लिया जाए तो इसके कारण होने वाली अन्य समस्याओं से बचा जा सकता है।
लार ग्रंथि का सर्जरी से समाधान
लार ग्रंथि में संक्रमण होने से लार नली प्रभावित होती है | विशेषज्ञ पहले दवाओं से इसका समाधान निकालते हैं, लेकिन यदि समस्या बढ़ गई है तो सर्जरी करके इसे ठीक किया जाता है | आधुनिक तकनीक में अब दूरबीन विधि द्वारा इसकी सर्जरी की जाती है। इसमें चिकित्सक रोग की स्थिति का पता करके गाठ या पथरी को निकाल देते हैं, यदि मरीज की समस्या की वजह लार नली का संकरापन है तो उसे इस विधि से चौड़ा करके पुरानी स्थिति में लाया जाता है | जबकि कुछ मामलों में लार ग्रंथि को ही निकाल दिया जाता है | इस सर्जरी के कुछ घंटे बाद मरीज खाना खा सकता है और अस्पताल से छुट्टी भी कर दी जाती है |
अपनाएं कुछ सावधानीयां
- लार नली को टूथब्रश से चोटिल ना होने दें |
- अधिक व्रत उपवास ना रखें |
- शरीर में पानी की कमी ना होने दें |
- तंबाकू, अल्कोहल और निकोटीन के सेवन से बचें |
- मुंह हमेशा साफ रखें |
इसे रोज जरूर करें
- प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी अवश्य पिए |
- रसेदार सब्जियां व खट्टे मौसमी फलों का सेवन करें |
- चिकित्सक की सलाह पर विटामिन सी लें |
- सुबह-शाम दो बार दांतों को साफ करें |
पाचन तंत्र को सक्रिय रखने में लार ग्रंथि की अहम भूमिका होती है | यदि लार ग्रंथि का इलाज समय पर विशेषज्ञो द्वारा करा लिया जाये, तो इससे घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है |
COMMENTS